इक्कीसवीं सदी की जनसंवेदना एवं हिन्दी साहित्य की पत्रिका
नाम: वीणा विज
शिक्षा: कटनी मध्यप्रदेश में व स्नाकोत्तर, जबलपुर विश्वविद्यालय(एम. एड. में विश्वविद्यालयी स्वर्ण-पदक प्राप्त)
अनुभव: कटनी में बाड्सले स्कूल एवं जालंधर में एपी. जे. स्कूल में भी कुछ समय के लिए अध्यापन.
कवितायें: कॉलेज के समय से ही-पत्रिका व समाचार-पत्रों में कवितायें लिखतीं रहीं. रंगमंच आकाशवाणी व दूरदर्शन के साथ-साथ लेखन-कार्य भी चलता रहा. पंजाबी संस्कृति को सीखने का मौका मिलता रहा. आकाशवाणी जालंधर से अपनी आवाज़ में कविता -पाठ भी कई बार किया. सन 2003 में ह्यूस्टन टेक्सास (यू. एस.) में कवि-सम्मेलन में भागेदारी.
कादम्बिनी
- समय-सुरभि (बिहार)
- डेमोक्रेटिक वर्ल्ड एवं पंजाब केसरी (पंजाब)
- जगमग दीप ज्योति (राज स्थान)
- देवदूत (महाराष्ट्र)
- दैनिक भास्कर (पं-चंडीगढ़) इसके अलावा अंतर्जाल पर भी अभिव्यक्ति और अनुभूति (दुबई)
- साहित्य कुंज (कैनेडा)
- ई-कविता (न्यूयार्क)
- कृत्य (त्रिवेन्द्रम) में भी इनकी कवितायें व कहानियाँ यदा-कदा पढ़ी जा सकतीं हैं.
- 1999 में प्रथम काव्य संग्रह ' सन्नाटों के पहरेदार ' छपा. सन 2004 में प्रथम कहानी संग्रह ' पिघलती शिला ' आथार्स गिल्ड ऑफ इन्डिया के सहयोग से छपी.
सांस्कृतिक एवं कलात्मक गतिविधियाँ: प्रारम्भ से ही भरतनाट्यम नृत्य व नाटकों में गहन अभिरुचि, एवम ढेरों पुरस्कार प्राप्त.
नैशनल कैडेट कोर में सीनियर मोस्ट अंडर ऑफीसर व मध्य प्रदेश को आल इंडिया में रीप्रसेंट करने के लिये बेस्ट कैडेट खिताब प्राप्त.
- 1983 से दूरदर्शन व आकाशवाणी जालंधर से जुड़ाव.
- 2000 तक ढेरों नाटकों टेली-फिल्मों, धारावाहिकों व कई पंजाबी फिल्मों में भी अभिनय.
स्टार-प्लस व लिश्कारा चैनलों पर भी स्टार बेस्ट सैलर और 52 किश्तों का धारावाहिक ' वापसी ' किया
यात्राएँ: यू. एस .