अर्गला

इक्कीसवीं सदी की जनसंवेदना एवं हिन्दी साहित्य की पत्रिका

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विरासत


ओम प्रकाश सिंह

आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिन्दी के पहले और आख़िरी व्यवस्थित साहित्य चिंतक हैं. पहले इसलिए कि उन्होंने हिन्दी में जिस साहित्यशास्त्र की अवतारणा की वह संस्कृत परंपरा से पोषित होते हुए भी उससे भिन्न था. रस सिद्धांत को एक नया जामा पहनाकर शुक्ल जी ने पहली बार हिन्दी में प्रस्तुत किया. ' लोक ' शब्द के महत्व को हिन्दी साहित्यशास्त्र में जिस ऊँचाई पर शुक्ल जी ने स्थापित किया वह आज भी वहीं कायम है. इसी तरह पाश्चात्य काव्य विचारकों के ......
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आचार्य रामचंद्र शुक्ल

भारतेंदु हरिश्चंद्र जी के चरित्र पर धब्बा ढालने वाले इतिहास प्रसिद्ध सेठ अमीरचंद के घराने में थे अमीरचंद के दोनों पुत्र राम रतनचंद्र और साहू फतेहचंद काशी में आ बसे साहू फतेह चन्द के पौत्र बाबू हरिश्चंद्र जो काले हरिश्चंद्र के नाम से प्रसिद्ध थे काशी के एक संपत्तिशाली रईस थे उनके पुत्र ब. गोपालचंद (उपनाम गिरधर दास) हिंदी के एक बहुत ही प्रौढ कवि थे इन्ही के पुत्र भारतेंदु हरिश्चंद्र हुए जिनका जन्म तारीख 9 सितंबर सन 1850 ई. ......
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